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शास्त्र कहते हैं हमेशा सच बोलना चाहिए। सत्य से बढ़कर कुछ नहीं है। लेकिन, शास्त्र ये भी कहते हैं कि ऐसा सच जो किसी को दुःख पहुंचाए वो सच नहीं कहना चाहिए। कहना भी है तो इस तरीके से बताया जाए कि वो किसी को आघात ना पहुंचाए। सिर्फ बोलने के तरीके से ही बातों के प्रभाव को बदल सकता है। एक कहानी से इसको समझा जा सकता है।
उत्तर भारत की एक लोककथा है। किसी जमाने में एक छोटा सा राज्य था। उसके राजा को तरह-तरह की विद्याओं में काफी रुचि थी। वो अक्सर नए हुनर वालों को अपने दरबार में मौके दिया करता था। एक दिन दरबार में एक ज्योतिषी पहुंचा। उनसे अपनी ख्याति के बारे में और और अपनी भविष्यवाणियों के बारे में बताया। राजा उससे प्रभावित हुआ।
राजा ने ज्योतिषी से कहा कि वो उनके बारे में कुछ भविष्यवाणी करें। ज्योतिषी ने राजा की कुंडली देखी, काफी देर वो ग्रहों की गणना करता रहा। फिर उसने अपने चेहरे पर गंभीरता लाते हुए कहा कि राजन, आपके कुंडली में बहुत खराब योग हैं। आपके सारे परिवार की मृत्यु आपके सामने हो जाएगी। राजसी वैभव को भोगने वाले आप अकेले इस महल में रह जाएंगे।
ज्योतिष अपनी भविष्यवाणी करके चला गया। राजा चिंता में पड़ गया। कुछ दिन गुजरे लेकिन राजा वो बात भुला नहीं पा रहा था। उसकी सेहत गिरने लगी। कमजोर होने लगा। राजा की ये हालत देख उनके मंत्री से रहा नहीं गया। उसने सोचा कि महाराज को कुछ अच्छी बातों की ओर ले जाना पड़ेगा, अन्यथा वक्त से पहले ही राजा की मौत हो जाएगी।
मंत्री राज्य के बाहर जंगल में रह रहे एक साधु के पास गया। उसने साधु को सारी बातें बताईं। मदद मांगी। साधु ने कहा मुझे तुम दरबार में ले चलो। मैं सब ठीक कर दूंगा। राजा की कुंडली के बारे में जो ज्योतिषी ने बताया है वो गलत नहीं है। लेकिन, फिर मैं राजा की निराशा को दूर करने की कोशिश करूंगा। मंत्र साधु को दरबार में ले गया।
राजा को बताया कि साधु त्रिकालदर्शी हैं। सारा भविष्य बता देते हैं। राजा ने कहा, महाराज मेरे बारे में कुछ बताइए, मेरा भविष्य तो अंधकारमय है। साधु ने कुछ पल के लिए आंखें मूंदकर ध्यान लगाया। फिर, आंखें खोलकर बोला, राजन... आपको चिंता करने का आवश्यकता ही नहीं है। आपकी कुंडली तो अत्यंत शुभ है। आपके पूरे कुटुंब में आप सबसे ज्यादा राजसी सुख भोगेंगे। आयु भी आपकी की ही सबसे अधिक है। आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। राजा खुश हो गया। चेहरे से निराशा के भाव गायब हो गए।
साधु ने जो बात कही, ये वो ही बात थी जो ज्योतिषी ने कही थी। ज्योतिषी ने कहा था कि आपके सामने पूरे परिवार की मृत्यु हो जाएगी, वहीं साधु ने कहा कि आपकी उम्र पूरे कुटुंब में सबसे अधिक है। लेकिन, बस कहने के तरीके से राजा के मनोदशा पर दो अलग-अलग तरह से असर हुआ।
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