युवाओं को अपना कॅरियर बनाने के लिए जो भी च्वाइस हो उसमें वह 100 प्रतिशत समय दें। सफलता जरूर मिलेगी। यह कहना है आईटीएम यूनिवर्सिटी ग्वालियर की छात्रा और हाॅकी प्लेयर करिश्मा यादव का।मौका था आईटीएम यूनिवर्सिटी ग्वालियर द्वारा करिश्मा यादव का विक्रम अवार्ड और इशिका चौधरी को एकलव्य अवार्ड के लिए चयन होने पर आयोजित सम्मान समारोह का। इस अवसर पर प्रो. चांसलर डाॅ. दौलत सिंह चौहान, वाइस चांसलर प्रो. रंजीत सिंह, रजिस्ट्रार डाॅ. ओमवीर सिंह, डाॅ. इंदू मजूमदार, डीन स्कूल आॅफ फिजिकल एजुकेशन, डाॅ. विपिन त्रिपाठी एचओडी,स्कूल आफ फिजिकल एजुकेशन, विमल शर्मा स्पोर्ट्स आफिसर सहित आईटीएम यूनिवर्सिटी ग्वालियर प्रबंधन ने दोनों प्लेयर्स का सम्मान कर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
कार्यक्रम में आईटीएम यूनिवर्सिटी ग्वालियर के प्रो. चांसलर डाॅ. दौलत सिंह चौहान ने कहा कि आईटीएम यूनिवर्सिटी ग्वालियर में अध्ययनरत सभी छात्र-छात्राओं का आगे बढ़ने में सहयोग प्रदान करता है। आज करिश्मा और इशिका का विक्रम अवार्ड और एकलव्य अवार्ड के लिए चयन होना इसका उदाहरण है। दोनों ही प्लेयर्स के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं कि इसी तरह सफलताओं के ऊंचाइयों को पाकर नाम रोशन करती रहें।
आईटीएम यूनिवर्सिटी में हाॅकी प्लेयर्स ने दिए आगे बढ़ने के टिप्स
-करिश्मा यादव, हाॅकी प्लेयर्स एवं वीपीईएस सेकेंड ईयर की छात्रा, आईटीएम यूनिवर्सिटी ग्वालियर
आज भी लड़कों की अपेक्षा लड़कियों को किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। क्योंकि समाज के लोग आड़े आ जाते हैं। मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है। मेरे पैरेंट्स ने मेरा काफी सपोर्ट किया, लेकिन जब मैं हाॅकी खेलने जाती थी, तो मेरे पैरेंट्स को समाज के लोग यह कहते थे की लड़की है, क्या करेगी खेलकर। मैं आज उन सभी लड़कियों के पैरेंट्स को यह कहना चाहती हूं कि आज के समय में लड़का-लड़की बराबर हैं। अपनी बेटियों का सपोर्ट कर उन्हें आगे बढ़ने के लिए एक मौका दें। - अपने कॅरियर को बनाना है तो आप जो भी काम कर रहे हैं फिर चाहे वह खेल के क्षेत्र में हो या पढ़ाई के क्षेत्र में उसमें अपना पूरा 100 प्रतिशत दें, सफलता मिल ही जाएगी। - आईटीएम युनिवर्सिटी ग्वालियर ने मुझे काफी प्रोत्साहित किया है। जब में खेलने जाती हूं तो मेरी पढ़ाई खेल के बीच में न आए इसलिए मेरे लिए स्पेशल कक्षाएं और एग्जाम कराया जाता है। यही कारण है कि आज मेरा विक्रम अवार्ड के लिये चयन हो पाया है।
- इशिका चौधरी, हाॅकी प्लेयर्स एवं वीपीईएस सेकेंड ईयर की छात्रा, आईटीएम यूनिवर्सिटी ग्वालियर बेटियों को अगर पैरेंट्स सपोर्ट करें तो वे हर क्षेत्र में आगे जा सकती हैं। मुझे शुरू से ही पैरेंट्स का काफी सपोर्ट मिला है। मेरी पढ़ाई कभी खेल के बीच में नहीं आई। क्योंकि आईटीएम यूनिवर्सिटी ग्वालियर ने मुझे इतना सपोर्ट किया कि जब भी मेरा मैच होता था तो मेरी स्पेशल कक्षाओं के माध्यम से पढ़ाई कराई जाती थी। इतना ही नहीं स्पेशल एग्जाम की व्यवस्था भी की गई। यही कारण है कि आज तक मेरे खेल के बीच में पढ़ाई नहीं आई है।
- मैं हमेशा तनाव लेने वाले उन युवाओं और खासकर महिलाओं से ये कहना चाहती हूं कि पढ़ाई या खेल कोई भी क्षेत्र हो उसमे समय देना पड़ता है। शुरूआत में ऐसा लगता है कि हम क्या टाइम पास कर रहे हैं, लेकिन जब हम उस क्षेत्र में अपने को निपुण कर लेते हैं तो फिर सफलता मिलन शुरू हो जाती है। मैं सिर्फ यही कहूंगी कि जो भी काम करें उसमें पूरा ध्यान केंद्रित कर पूरी मेहनत से करें।
आईटीएम यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कर चुके हैं बेतरह प्रदर्शन
इससे पहले भी आईटीएम यूनिवर्सिटी ग्वालियर के छात्र-छात्राएं खेलों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर चुके हैं। इनमें नीलू डाडिया जिन्होंने वर्ष 2016 में अंडर 18 ग्रुप में आयोजित एशिया कप में अव्वल प्रदर्शन किया था। नीलू वर्ष 2019 में आॅस्ट्रेलिया वुमन हाॅकी लीग और 6वीं वुमन नेशनल टूर्नामेंट बेल्जियम 2018 में हिस्सा लेकर सिल्वर मेडल अपने नाम कर चुकी हैं। इसी तरह अनुजा सिंह हाॅकी इंडिया कैम्प में, शिखा चौधरी यूथ ओलंपिक में अव्वल प्रदर्शन कर चुकी हैं।वहीं आईटीएम की हाॅकी टीम ने वर्ष 2019-2020 में आॅल इंडिया लेवल पर आयोजित टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल हासिल किया है। वहीं बास्केट वाॅल में आईटीएम की छात्राओं निशा कस्यप, इशिका गहलौत, ववीता पिग्गा, प्रिया शर्मा, रितु भार्गव ने बेस्ट जोन में सिल्वर मैडल प्राप्त किया है। इसी तरह बीसीसीआई एप्रुब्ड विजी ट्राॅफी में भी आईटीएम यूनिवर्सिटी ग्वालियर के 6 छात्र हिस्सा ले चुके हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3k1DN1P
0 Comments