सुशांत सिंह राजपूत डेथ केस से जुड़े ड्रग्स मामले में अरेस्ट हुईं रिया चक्रवर्ती को मुंबई की भायखला महिला जेल में शिफ्ट किया गया है। इस जेल में रिया को अलग बैरक दिया गया। जेल मैन्युअल के मुताबिक, नए कैदी को अस्थायी तौर पर जो बैरक दिया जाता है, उसे क्वारैंटाइन बैरक कहते हैं। अगर रिया को जमानत नहीं मिलती है तो उन्हें परमानेंट बैरक दिया जाएगा।
कैसा होता है ये बैरक?
यह बैरक 10 बाय 10 या ज्यादा से ज्यादा 15 का होता है। इसमें बाथरूम अटैच रहता है। पीने के पानी की व्यवस्था मग या मटके में करके रखी जाती है। कमरे में एक सीलिंग फैन होता है।
बैरक में एक तकिया, एक चटाई, उस पर बिछाने के लिए एक बिस्तर, ओढ़ने के लिए एक चादर होती है। कैदी को खुद ही जमीन पर अपना बिस्तर लगाना होता है। कैदी को हमेशा जेल का खाना मिलता है। लेकिन विचाराधीन कैदी को घर का खाना भी मिल सकता है। एनसीबी के लॉकअप में भी रिया के लिए यही व्यवस्था थी।
क्या कहते हैं रिया पर लगाए गए सेक्शन
- नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने रिया को सेक्शन 8 (C), 20 (B) (ii), 27(A), 28 & 29 एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया है। इनमें से 8 (C) प्रतिबंधित ड्रग्स को गैर कानूनी तरीके खरीदने और उसके इस्तेमाल करने पर लगाया जाता है, जो रिया के केस में साबित हो चुका है। वो ड्रग्स खरीदती थीं और इसके लिए सैमुअल मिरांडा, दीपेश सावंत और अपने भाई शोविक का इस्तेमाल करती थीं। इस सेक्शन के तहत उन्हें कम से कम 10 साल की सजा हो सकती है।
- सेक्शन 20 (B) (ii) गांजे के ट्रांसपोर्टेशन करने से जुड़ा है, लेकिन इसमें जमानत मिल सकती है।
- सेक्शन 27 ( A) सबसे महत्वपूर्ण है, जो कि रिया की गले की हड्डी बन गया है। इसके तहत न तो उन्हें NCB की कोर्ट से जमानत मिली, न ही सेशन कोर्ट से राहत मिलती दिख रही है। यह किसी भी आरोपी द्वारा ड्रग्स या नशीला पदार्थ अपने पास रखने, बेचने और इसके लिए फाइनेंस मुहैया कराने पर लगाया है। इसके तहत आरोपी को 10 साल तक की सजा हो सकती है।
- सेक्शन 28 आपराधिक कृत्य/ गैर कानूनी कार्य से जुड़ा है, जबकि सेक्शन 29 आपराधिक साजिश रचने के लिए लगाया जाता है।
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